जन्नत का दरवाज़ा
जन्नत का दरवाज़ा
धूप में झुलसना भी अगर हो तेरे दिल को मंजूर
देर तक ना रह पाएंगी तेरे जीवन से खुशियां दूर
अपने नेक इरादों से जब खुद को ऊंचा उठाएगा
सच्ची खुशी का एहसास तब ही तुझे हो पाएगा
संसार के शोर के बीच सुन ले ख़ुदा की आवाज
औरों पर ख़ुशी लुटाने का आज से कर आगाज़
सोच मत क्या होगा अगर चल पड़ा तूँ इस रास्ते
तुझसे ज़्यादा फिक्रमंद रहता वो ख़ुदा तेरे वास्ते
ये नेक आगाज़ तुझे उस अंजाम तक पहुँचाएगा
जन्नत का दरवाज़ा खुद तेरे सामने खुल जाएगा।