औरत का सम्मान करें
औरत का सम्मान करें
परिवार में ही जिसकी जिंदगी बीत जाती है
जो सब कुछ हार कर दिल जीत जाती है
जिसकी भावनाओं पर जिसके प्यार पर
ये दुनिया ममता के गीत गाती है
वो एक औरत ही है जो हरदम
हर रूप में सम्मान पाती है।
जो साथ चलती है हरदम
पर कभी कोई श्रेय नहीं लेती
हमें काबिल बना देती है
पर कभी कोई व्यय नहीं लेती
हमारी खुशी में खुश हो जाती है
हमारी दुनिया में खो जाती है
कोई हाथ बढ़ा दे अगर
औरत उसकी हो जाती है।
बिना किसी शर्त के अपना लेती है
अपनी इच्छाओं को दफना लेती है
औरत भी अजीब होती है
हर बात के लिए खुद को मना लेती है।
क्यूं न हम सब ये आह्वाहन करे
हर रूप में उसका सम्मान करे
कोई हमारी नहीं पर किसी की तो है
कभी भी ना उसका अपमान करें।
वो भी जीवन में कुछ बन पाए
हर क्षेत्र में उसको अवसर दे
वो आजाद महसूस करे
एक सुरक्षित उसको परिसर दें।
एक ऐसा जहान बनाए हम कि
औरत का अस्तित्व बने
जीवन के कुछ कुछ हिस्सो में
उनका भी स्वामित्व बने।
ऐसा युग आ जाए कि
औरत इतनी समृद्ध हो जाए
आज की हर औरत ही कल
हर औरत की आदर्श बन जाए।