मैंने बहिष्कार किया
मैंने बहिष्कार किया


हाँ मैंने बहिष्कार किया
उस व्यवस्था का जो मूक है
जिसकी कोई आवाज़ नहीं,
पता नहीं कब से ख़ामोश है
उस रोज़गार के डर का जो
नज़रें मिलाने की हिम्मत नहीं देती
हाँ मैंने बहिष्कार किया
उस आज़ादी का जिसने पढ़े लिखे
लोगों को ग़ुलाम बना दिया है
उस चुप्पी का जो हर रोज़ उठ रही
हज़ारों लाखों सीने की टीस को दबा रही है
मैंने बहिष्कार किया क्योंकि --
आने वाली पीढ़ियाँ मौन ना रह जाएँ ,
वो जानें कि जब सब ख़ामोश तब भी
आवाज़ उठी थी बहिष्कार हुआ था
मैनें चुप्पी तोड़ी ताकि और लोग भी
मौन समर्थन की परंपरा तोड़ने की
हिम्मत कर सकें
मैंने ख़िलाफ़त की मूक व्यवस्था की
ताकि यही समाज में नज़ीर ना बन जाए
मैंने रोज़गार के डर को अपनी
अंतर आत्मा पर हावी नहीं होने दिया
मैंने ख़ुद को मरने नहीं दिया
हाँ मैंने बहिष्कार किया और करती रहूँगी