सड़क गवाह थी सारे हादसों की पर वो कुछ नहीं बोली , वो चाह कर भी कुछ नहीं बोल सकती थी... उ... सड़क गवाह थी सारे हादसों की पर वो कुछ नहीं बोली , वो चाह कर भी कुछ नहीं ...
कभी पसंद थी महफ़िलें हमें बहुत ही, पर अब तन्हाई में वक़्त बिताना अच्छा लगता है, कभी हमें भी शौक था नय... कभी पसंद थी महफ़िलें हमें बहुत ही, पर अब तन्हाई में वक़्त बिताना अच्छा लगता है, क...
ज़माने ने कुछ ऐसी करवटें बदली हैं घर की लक्ष्मी थी जो वो कमाने निकल पड़ी है ज़माने ने कुछ ऐसी करवटें बदली हैं घर की लक्ष्मी थी जो वो कमाने निकल पड़ी...
इन दिक्कतों उलझनों से हम हार नहीं मान सकते इन दिक्कतों उलझनों से हम हार नहीं मान सकते
ख़ामोश धड़कनों में ख़ामोश धड़कनों में
तुम कृष्ण में यादव ढूंढ़ते हो तुम दलित - शूद्र ना छूते हो तुम संपत्ति ओढ़े बैठे हो तुम कृष्ण में यादव ढूंढ़ते हो तुम दलित - शूद्र ना छूते हो तुम संपत्ति ओढ़े...