जलने दे अरमान मेरे
जलने दे अरमान मेरे
जिंदगी को क्या मालूम नहीं,
जो भरोसे पर उम्र तक ठहरे,
सांसों से दिल्लगी ठीक नहीं,
जो कब छोड़े दे मालूम नहीं।
बस यूं ही जिंदगी का सफर,
कटता रहा होकर बेखबर।
टूट गये वो सपने सारे,
खड़े किये जिनके सहारे।
लो अब और नहीं कहूंगा,
जिंदगी को दर्द नहीं दूंगा,
जलने दे अरमान मेरे,
राख सीने में दबा दूंगा।
