जलियांवाला
जलियांवाला
ना मिटाओ जलियांवाला
खौफनाक इतिहास है
हर दीवारों पर लिखी
वहाँ गोलियों से सौगात है
बच्चे,बूढ़े और जवानों पर
गोलियों की बरसात है
हर दीवार बोलती है
इंकलाब आबाद है
लाशों का अंबार है और
खून बिखरा था वहाँ
कितने ही सैनानियों का
श्मशान था वो बना
घायलों को समेटे
चल रहे थे कुछ युवा
बैसाखी का पर्व देखो
मौत का दिन था बना
खून से रंगा है अपने
इतिहास का हर एक पन्ना
फिर कायरों वाला ये
इतिहास था किसने बुना
क्रुरता अंग्रेजियत की
गोलियों सी नग्न थी
मारकर बेगुनाहों को
महारानी खुश जो थी
शर्म नहीं है अभी भी
ब्रिटेन को इस बात की
हम कर रहे गुलामी
आजादी के बाद भी
हम चले अब खुद मिटाने
जलियांवाला के निशां
रंगों से अब ना रंगों
गोलियों के वो निशां
निर्दोषों के खून से
माटी हुई वो लाल थी
ना हुई जाया शहादत
जलियांवाला बाग की
हमनें पाये शेर इतने
मिट गये अंग्रेज भी
लेकर समानता अब तो आओ
भगत, उधम का देश बनाओ
यही होगी श्रद्धांजलि
उन सपूतों को हमारी।