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Soma Singh

Drama Tragedy

5.0  

Soma Singh

Drama Tragedy

जज़्बात और आघात

जज़्बात और आघात

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जीवन की तराज़ू में

तौलते जज़्बात और आघात,


एक वो समय था कि

ह्रदय में भावनाएँ प्रबल थी,


आसमान छू लेने की

कामनाएँ सबल थी,


एक जोशो जुनून सा था

लहू में हर वक़्त दौड़ता,


दुनिया को जीत लेने का

था दिल में हौसला,


ज़माना हुआ लहू को

रगों में जमे हुए,


जज़्बातों की लाशों पे

कफ़न पड़े हुए,


वो इंसान कोई और था

ये मशीन और है।।


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