जिंदगी
जिंदगी
चंद छोटे छोटे लम्हों का नाम है जिंदगी,
कुछ पल हंसा देती है कुछ पल रुला देती है जिंदगी।
कितनी भी ऐशो आराम से गुजारे हों दिन पर फिर भी तकलीफों के चन्द लम्हे दिखा देती है जिंदगी।
लाख ठीक रहो तुम अपने असूलों पर ऐ दोस्त,
फिर भी भूली हुई दास्तां से भड़का देती है जिंदगी।
चन्द हसीन लम्हे तो बड़े से बड़ा गम भुला देते हैं,
गरीब से गरीब इंसान को भी
अजीब नशा चढ़ा देते हैं, न जाने कितने मौकों पर बेवजह रूला देती है जिंदगी।
आसान नहीं हरेक के लिए खुश रहना,
किसी के लिए सरताज है
किसी के लिये दो रोटी की मोहताज है जिंदगी।
जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की हो
जीवन में ऐसे अनोखे मंजर दिखाती है जिंदगी न जाने क्या क्या सिखाती है जिंदगी।
जो कल तक हंसते थे ठहाके लगा लगा कर उनको भी एक दिन रूला देती है जिंदगी
नहीं मिलती हैं हर बार आसान राहें यहां में सुदर्शन
कई बार मुश्किल राहें भी दिखा देती है जिंदगी।
अक्सर ईमानदारी व सच्चाई पर चलने वाले को अच्छा सबक सिखा देती है जिंदगी,
अगर ऊपर वाला दयालू हो तो गरीब से गरीब को भी उंचा उठा देती है जिंदगी।
जीना है तो हंस कर जीयो
बेवजह भी रूला देती है जिंदगी,
हर एक इंसान को खुश कर पाता नहीं कोई,
सिर्फ सच्चे रब की राह पर चलने का नाम है जिंदगी।