STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Romance

3  

Shailaja Bhattad

Romance

जिंदगी सयानी

जिंदगी सयानी

1 min
263

है अर्जी मेरी ले चल मुझे जहां मर्जी तेरी

मंजिल तेरी ही मंजिल मेरी ।

बस तू ही सांसों में मेरी

न रूठूं मैं न रूठे तू,

न बिखरें हम तुम कभी ।

न उलझन न वादे

बस प्यार की कड़ी से बंधे रहे हमारे इरादे।

रुक रुक कर न चले 

चलती रहे हमारी जिंदगानी

अंखियों से बयां हो जिंदगी सयानी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance