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Sheetal Raghav

Abstract Tragedy Inspirational

4  

Sheetal Raghav

Abstract Tragedy Inspirational

जिन्दगी नही मौत है ये !

जिन्दगी नही मौत है ये !

2 mins
556


जिंदगी नहीं मौत है यह,

बाद में सिर्फ अफसोस है ये,

सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है, 

एक बार जी कर तो, 

देख जिंदगी में,

क्या नशा है, 


घर का परिवार का

और बच्चों का

बेशुमार प्यार,

रचा और बसा है,


सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है, 

एक बार उतर जा,

परिवार के नशे में,

धूम्रपान की लत में क्या नशा है ?


दौलत का शोहरत का, 

और कामयाबी का बस,

पिघलता हुआ लावा सा है,

सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है,


एक बार जी ले बड़ों के,

आदर और प्यार को,

मौत के एहसास में क्या रखा है,


इनके प्यार के साथ ही,

सारी दुनिया है,

वरना तो इस जिंदगी में,

और क्या रखा सा है,


सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है,

एक बार प्यार से,

बीवी की प्यार भरी,

बाहों का सहारा ले ले,


फालतू के बदनाम दोस्तों!

यारी के नशे में,

और धूम्रपान में क्या रखा है,

सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है,

जिंदगी का मजा तो,

बीवी और बच्चों के साथ,

चारदीवारी में है,


बाकी सब कुछ तो,

जिंदगी में,

बस धुआं धुआं सा है,

सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है,


अब भी वक्त है,

जी ले जिंदगी को, 

एक बार खुले गगन में,

मौत के साए में क्या रखा है।


जिंदगी वह नशा है,

जो चढ़कर ना उतरे,

वरना धुएं की लत में, 

सब बिगड़ा बिगड़ा सा रखा है।

सिगरेट के छल्ले में क्या रखा है ?


जिंदगी नहीं मौत है यह

बाद में सिर्फ अफसोस है ये।।।


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