जिंदगी का सफर
जिंदगी का सफर
जब तक निगेटिव रहे हर कोई गिराता रहा।
हमारी मजबूरियों का लाभ भी उठाता रहा।।
स्वार्थ ही छिपा रहा हर किसी के मकसद में,
बस हमें नीचे और नीचे दबाता औ गिराता रहा।।
ये ज़िंदगी भी अजब गजब निराली है।
सोचो समझो जानो अजब मतवाली है।।
ज़िंदगी हमेशा उतार चढ़ाव देती है दोस्तों,
ये बात आज मैंने अब जानी है पहचानी है।।
लोग कहते रहे कि पाज़िटिव सोचो,
जीवन तुम्हारा फिर संवर जायेगा।।
पर जब से पाज़िटिव हुए दोस्तों,
लोगों ने हमसे दूरियां बना लीं।।
