ज़िंदगी का गीत
ज़िंदगी का गीत


ख़ामोशी को आवाज़ बनाओ
अरमानों के बोल सजाओ
मन की वीणा को ले कर
ज़िंदगी का गीत गाओ
मुझ को मीत बनाओ
आशाओं का दामन पकड़ो
अपने आप को ओर न जकड़ो
दुख और दर्द की बना के बाती
फिर ख़ुशियों के दीप जलाओ
मुझ को मीत बनाओ
घड़ी है मुश्किल, कट जाएगी
काली घटा भी छँट जाएगी
वक़्त है अभी मूल्याँकन कर लो
यूँ ही तो न इसे गँवाओ
मुझ को मीत बनाओ
अपने भीतर को पहचानो
जीवन की परिभाषा जानो
बिखरे सत्य के मोती चुन कर
घर का बंदनवार सजाओ
मुझ को मीत बनाओ
सब को तो न समझो पराया
सोचो क्या खोया क्या पाया
बाट के सुख दुख इक दूजे के
मिल कर जीवन राग बनाओ
मुझ को मीत बनाओ
ज़िंदगी का गीत गाओ
मुझ को मीत बनाओ