जीवंत हृदय
जीवंत हृदय
जहाँ विकास में गुणवत्ता हो
निरंतरता वहाँ प्रगति है
देश की खातिर सच बोलने की
इमानदारी और निष्ठित मत हो
जीवंत हृदय वही है जो
अभिव्यक्ति में पारंगत हो
मिथ्याभिमान , महत्वाकांक्षा
है दो बड़े ही घातक रोग
दूर दुश्मनों को करने की
आवाजों में जो शत शत हो
जीवंत हृदय वही है जो
अभिव्यक्ति में पारंगत हो
कर्तव्य निभाने की खातिर जब
भीष्म बाण की शैया झेले
कोई नहीं छुटा जग में
चाहे धृतराष्ट्र या देवव्रत हो
जीवंत हृदय वही है जो
अभिव्यक्ति में पारंगत हो
अनुचित लाभ सनक ऐसी हो
जो करे हृदय से अलग प्राण को
राजा वही प्रतापी है जो
मान करे जो,जन जन मत हो
जीवंत ह्रदय वही है जो
अभिव्यक्ति में पारंगत हो
सम्मानित जो करे हमेशा
सहृदय अपने मात पिता को
न मद्य की ना मदिरा की हो
बस उसके हृदय स्नेह की लत हो
जीवंत हृदय वही है जो
अभिव्यक्ति में पारंगत हो।