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Siddhi Diwakar Bajpai

Abstract Action Inspirational

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Siddhi Diwakar Bajpai

Abstract Action Inspirational

जीवन यात्रा

जीवन यात्रा

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पूछा एक बार खुद से अकेले में,

अंदर ये कैसी उलझन है।


दिमाग ने विज्ञान समझा दिया,

दिल ये बोल के मुस्कुरा दिया


चाहा तूने सही था, ज़रिया ग़लत बना लिया

मंज़िल तेरे सामने थी, कदम तूने घुमा लिया।


आसमाँ तेरा आशियाना था, पिंजरे में घर बना लिया

रूह को सवारना था, सूरत तूने सजा लिया।


दौलत थी जो ज़मीर की, दिखावे में सब लुटा लिया

कोशिश थी ख़ुद को पाने की, किस्मत ही ख़ुद मिटा लिया।।


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