जीवन के रंग
जीवन के रंग
जीवन के हर रंग में नहा लो,
नहीं तो शांति दूत सफेद रंग न मिल पाएगा,
और अंत समय तो वो ही काम आएगा।
कोई भी रंग, चढ ना पाए, ध्यान रखना
वरना सफेद रंग रूठ जाएगा,
वो रूठा तो अंत बिखर जाएगा,
समेटना मुश्किल हो जाएगा।
जो अपने रंग खुद हैं बनाते,
वे ही उस का आनंद हैं ले पाते,
वो ही होंठों पर मुस्कान और आँखों में नीर भर लाते,
जीवन के हर पहलू को संयम से सुलझा लेते।
रंगों का खेल है बहुत प्यारा,
जीवन इस में
भरा न्यारा न्यारा,
हर रंग की कहानी का खुलता है द्वारा,
तभी तो है रंगीन दुनिया का ये नज़ारा।
रोगों में रमते हुए भी रमना नहीं,
रंगों की खुशबू समेटकर रखना नहीं,
जीवन को किसी भी रंग के अधीन करना नहीं,
चाहकर भी अपने को रंगों के बीच अकेले समझना नहीं,
बहुत मुश्किल-सी लगती है रंगीन दुनिया,
पर तुम इस में विचलित होना नहीं,
जब रंगों का संतुलन जीवन में होगा,
तब वो शान्ति दूत-सफेद,
सब हलचल शांत कर देगा,
तुम बस, सब रंगों में नहा लेना।