जीत है कि हार है?
जीत है कि हार है?


कैसे कह दूं कि जीत है कि हार है?
अब तो ठान लिया है अब तो बस उस पार है।
मंजिलें मिलेगी या भटक जाएगे हम कही रास्ते में,
जो भी होगा, हम अपनी किस्मत से लडने को तैयार हैं।
कि मुसीबतों को देखकर डरना होगा तुम्हारी फितरत में,
यहां तो मुसीबतों से ही लड़-लड़ कर बने हम फौलाद है।
हार ना मानते हुए अंत तक लड़ना और आगे बढ़ना,
बस यही हमारा सबसे बड़ा हाथियार है।