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Hemant Kumar Saxena

Classics

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Hemant Kumar Saxena

Classics

जीने की पहचान है दोस्ती अपनी

जीने की पहचान है दोस्ती अपनी

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जिंदगी का नाम है, 

दोस्ती अपनी, 


जीने की पहचान, 

दोस्ती अपनी, 


बैसे तो कुछ लोग जी लेते हैं, 

नीलाम कर दोस्ती अपनी, 


कभी ना नीलाम होगी, 

ये वो जान है अपनी,


बैसे कुछ दोस्तों के खातिर, 

बदनाम है दोस्ती अपनी, 


शायद उन्हें मालूम नहीं,

दो दिल एक जान है,

दोस्ती अपनी,


दो दिल एक जान है, 

दोस्ती अपनी। 


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