झूठी दुनिया,झूठे लोग
झूठी दुनिया,झूठे लोग
झूठी दुनिया, झूठे लोग
मत कर यकीन बेख़ौफ़
सबके सब पहने है, यहाँ
काले रंग के धवल कोट
टूटेगा शीशे से ज्यादा,
उम्मीदें बिकेगी बेमोल
फूटेंगे ख्वाबों के ढोल
झूठी दुनिया, झूठे लोग
मत लगा उधर दौड़
जिधर झूठों का मोड़
रह चाहे तू अकेला
पर कर कुछ अलबेला
खिले न चाहे फूल सा
पर खुद को कर ओतप्रोत
झूठ से न मरे कहीं बेमौत
झूठी दुनिया, झूठे लोग
चुप रह, पर झूठ न सह,
असत्य को दे तू तोड़
झूठ में जला सत्य जोत
बन दीप, मिटा तम गोत्र
झूठी दुनिया, झूठे लोग
रहना खुद में सत्य-स्तोत्र
मारेगी दुनिया भले पत्थर
पर देना तू एवरेस्ट की चोट
