जड़-चेतन स्थूल को होली
जड़-चेतन स्थूल को होली
फूल को होली शूल को होली
किसलय तना मूल को होली
रात को होली, प्रात को होली
दिन दोपहर गोधूल को होली।
क्षीर को होली नीर को होली
राजा रंक फकीर को होली
तुंग को होली श्रृंग को होली
जन-जन के सुख-पीर को होली।
पास को होली दूर को होली
ऊँच-नीच भरपूर को होली
क्रांति को होली भ्रांति को होली
कृषक औ मजदूर को होली।
शहर को होली गाँव को होली
मांझी साहिल नाँव को होली
सत्य को होली झूठ को होली
भूखे-नंगे पाँव को होली।
चाल को होली वेश को होली
नख लंका औ केश को होली
शत्रु को होली मित्र को होली
देश और परदेश को होली।
राख को होली धूल को होली
अंधे लँगड़े लूल को होली
मंगलमय हो जग जीवन को
जड़-चेतन स्थूल को होली।