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नंदन पंडित

Inspirational

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नंदन पंडित

Inspirational

मेरे भी दिन होंगे

मेरे भी दिन होंगे

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कल मेरे भी दिन होंगे

कल मेरी भी होगी रात


आज लगा है चाँद पे ग्रहण

आज मेरा सूरज धुँधला

आज नहीं चाँदनियाँ झिलमिल

चकवे ने पाला बदला


आज नहीं तो कल उमड़ेगा

सागर फिर करने को बात


आज तो हूँ रास्ते का पत्थर

ठोकर जिसकी किस्मत है

आज तो हूँ चौथी का चंदा 

हासिल जिसकी नफरत है


कल मुझपे भी अर्घ्य लुटेगा

होगी फूलों की बरसात


आज तो साया भी कतराती

पतित,अपावन घूरा हूँ

 कल जो माथे का चन्दन था

आज रेत का कूरा हूँ


कल मेरे भी दिन बहुरेंगे

सजेगी दीपों की बारात



धीरज से धीरे-धीरे कटते

बड़े शैल देखा

अभ्यासों से मेटे जाते

असफलताओं की लेखा


काल, मोल हर घाव का देगा

करनी होगी बस शुरुआत।


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