जब प्यार ही हम देंगे..........
जब प्यार ही हम देंगे..........
जब प्यार ही हम देंगे,तभी प्यार भी पाएंगे,
बोयेंगे फसल जिसकी,वही काट ही पाएंगे ।
चाहत प्यार होती सबकी,सब सदियों से जाने हैं,
जीवन में बहार आती,अमर इनके तो अफ़साने हैं।
जो प्यार लुटाएंगे , वे ही बदले में पाएंगे,
जब प्यार ही हम देंगे,तभी प्यार भी पाएंगे,
बोयेंगे फसल जिसकी,वही काट ही पाएंगे ।
शुरुआत है सरल होती, निभाना है बहुत मुश्किल,
बलिदान है मांग इसकी , अनिश्चित होता है फल।
हर कुर्बानी को जो है तत्पर,निभा वे ही इसे पाएंगे,
जब प्यार ही हम देंगे,तभी प्यार भी पाएंगे,
बोयेंगे फसल जिसकी,वही काट ही पाएंगे ।
बेशर्त ही प्यार जग में, होता केवल सच्चा है,
लालच और स्वार्थ रहित,सरल मानो एक बच्चा है।
जो कुछ नहीं भेद करें , निभा वे ही बस पाएंगे,
जब प्यार ही हम देंगे,तभी प्यार भी पाएंगे,
बोयेंगे फसल जिसकी,वही काट ही पाएंगे ।
(नोट-गाना जिसकी धुन पर इस गाने को लिखा गया-"सौ बार जनम लेंगे,सौ बार फना होंगे......)
