STORYMIRROR

Shristi Sri.

Romance

3  

Shristi Sri.

Romance

जब हम न होंगे

जब हम न होंगे

1 min
285

बहुत हैं तुम्हे चाहने वाले,

अभी तो तुम्हें खबर नहीं मेरी


कल जब हम न होंगे दुनिया में,

शायद कद्र हो तुम्हें मेरी


सबने चाहा है अपने मतलब से तुमको

हमने चाहा सिर्फ तुम्हें, बेवजह यूँ ही


आज ये हमने कहा है,

कल तुम भी कहोगे


बड़ी पागल थी वो,

उसको सिर्फ चाहत थी मेरी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance