लम्हें
लम्हें


वो जो खूबसूरत सी कुछ यादें हैं,
वो ही अब मेरे जीने का सहारा है
पास आता दिखता तो है,
पर बहुत दूर मेरी खुशियों का किनारा है
गुज़रे लम्हों की मीठी फुहार में भीगते हैं बस
न कोई आरज़ू ,न सपना ,
अब तो खुद ही रूठना ,खुद को ही मनाना है
वो जो खूबसूरत सी कुछ यादें हैं,
वो ही अब मेरे जीने का सहारा है
पास आता दिखता तो है,
पर बहुत दूर मेरी खुशियों का किनारा है
गुज़रे लम्हों की मीठी फुहार में भीगते हैं बस
न कोई आरज़ू ,न सपना ,
अब तो खुद ही रूठना ,खुद को ही मनाना है