Bikhar na jaaun ,isliye likhne ki koshish ki hai....
सच ही तो था, मैं उसके बिना ज़िंदा थी। सच ही तो था, मैं उसके बिना ज़िंदा थी।
तुम्हारे कांघे पे सर रख कर मैं अपने को दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की मान रही थी तुम्हारे कांघे पे सर रख कर मैं अपने को दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की मान रही थी
काश वक़्त वहीं रुक गया होता काश वक़्त वहीं रुक गया होता
ऐसा लगा जैसे तपती ज़मीन पर पानी की फ़ुहार हुई। ऐसा लगा जैसे तपती ज़मीन पर पानी की फ़ुहार हुई।
तो क्या हुआ जो मैं रोज़ घुटती हूँ, अब ये घुटन ही मेरी ज़िंदगी है। तो क्या हुआ जो मैं रोज़ घुटती हूँ, अब ये घुटन ही मेरी ज़िंदगी है।
मुझे रहना है कुछ रोज़ और, इस टीस में इस पीड़ में। मुझे रहना है कुछ रोज़ और, इस टीस में इस पीड़ में।
अपने दिल को खुश कर पाती, काश सब कुछ ठीक कर पाती। अपने दिल को खुश कर पाती, काश सब कुछ ठीक कर पाती।