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Shristi Sri.

Romance

3  

Shristi Sri.

Romance

टूटता तारा

टूटता तारा

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ऐ काश हम तारा बन आसमाँ में रहते,

तेरे शहर में ही तुमको देख तो पाते


ना करते कोई भी गिला और ना कोई शिक़वा

चुप से तेरा दीदार करके मुस्कुरा लेते


गर ख्वाहिश तेरी कोई अधूरी सी भी रह जाती

कसम से टूट भी जाते हम, तेरी खुशियों के वास्ते।


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