जात न पूछ हमारे प्यार की..
जात न पूछ हमारे प्यार की..
जात न पूछ हमारे प्यार की..
पूछना है तो पूछ हमारे पात्र की...
जात तो तुमने बनाई..
हमने तो पात्र बनाए..
हाँ, है हमने माना कि
दुनिया की इस झुठी रीत मे
हमारी जात न मिली...
पर हमारे रिश्ते पर प्रश्न करने वाले की
ओकात कहा मिली ??
हमें मिलने ना देंगें ;
ना देंगें मिलने वो...
दुनियां की इस रीत से
हमें अमर होना परेगा, अपने जीत से...
तुम्हें भी पता है, हमें भी पता है
हम ना मिल पाएंगे...
दुनिया के लिए कभी नहीं
इस रिश्ते को कोई नाम ना दे पाएंगे..
परप अपने ही
,साथ - साथ मर जाएंगे.
बस ! इस रीत को ना अपनाएंगे
और इस रिश्ते में अपना नाम बना कर जायेंगे.......
Shourya S.

