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Aarti Sudhakar Sirsat

Romance Action Inspirational

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Aarti Sudhakar Sirsat

Romance Action Inspirational

जालिम जमाना

जालिम जमाना

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 यूँ मोहब्बत को जलील ना करो,

इश्क़ से भी बडे दर्द है जमाने में


ओरों की कब तक करते रहोगें तारीफें

कभी खुद को भी निहार लो आईने में


तुम्हारी इज्ज़त की खातिर खामोश है 

वरना उठाकर ले जाता अपनी अमानत, 

इतनी ताकत तो है ही उस दिवाने में


कभी हकीकत बनकर सामने आओं ना

बहुत दफ़ा देख चूंकि हूँ मैं तुम्हें सपने में


दे दिएं जो आँसू इन आँखों के लिए

तूँ ही बता आखिर क्या

कमी रह गई थी हमारे चाहने में


किसी की खुशी के लिए कभी हारकर देखों खुद से,

बड़ा सूकून मिलता है ओरों को जीताने में


क्यों मुँह फेर लेतो हो जिम्मेदारियों से,

अनुभव बड़ा मिलता है इन्हें निभाने में


सारी जिन्दगी भर करता रहा हिफाज़त

वो उस संबंध की,

और एक पल भी नही लगा उसे तोड़ने में


हँसाने का राज तो जानते नहीं 

बड़े जालिम लोग है एक भी मौका

नहीं छोड़ते रूलाने में


कभी अकेले में सोच कर देख लेना,

आखिर कितना अंतर था

मेरे और तुम्हारे चाहने में।


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