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Neetu Lahoty

Romance

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Neetu Lahoty

Romance

जागे रात भर

जागे रात भर

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गुजरी रात चंद मिनटों में 

मिट गये तमाम बरसों के फासले

थम कर रह गया वक्त

कुछ तुम कह रहे थे

कुछ हम सुन रहे थे


न आँखों में नींद थी

न किसी की परवाह

अल सुबह भोर पर

जब दरवाज़े पर हुई दस्तक 

तो पता लगा कि 

जागे रात भर


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