जादुई नगरी।
जादुई नगरी।
आओ तुम्हें में अपनी जादुई नगरी में ले जाऊँ,
मीठे-मीठे सपनों की दुनिया दिखाऊ,
उड़न खटोला, उड़ता घोड़ा ,की सैर
मैं करूँ और तुम भी चलो मेरे साथ,
जहां सब हंसते मुस्कुराते हो,
एक दूजे से प्यार से रहते हो,
न कोई भेद भाव न कोई लालची हो,
सब अपनी दुनिया में मस्त हो,
जहां हंसी फूल बन कर खिलती हो,
ओर सपना बनकर जादुई छड़ी से,
गम मिट जाते हो, आओ तुम्हें में,
अपनी जादुई नगरी में ले जाऊँ।