STORYMIRROR

Fidato R

Tragedy

4  

Fidato R

Tragedy

इतिहास

इतिहास

1 min
14


रक्त से सींची धरती, एकता की गाथा, सीमा रेखाएँ धुंधली, मन की बातें गहरी।

कविता से तलवार तक, संघर्ष का राग, स्वतंत्रता की सुगंध, इतिहास का पन्ना भाग।

अस्सी वर्ष बीते, पर पीड़ा अब भी कायम, अपनों का ही शोषण, एक दुखदायी काव्य।

दलितों का करुण नाद, अंबेडकर की पीड़ा, अपराधियों का बोलबाला, देश की विवशता।

काली युग का साया, राक्षसों का आतंक, महाभारत का भय, एक नया संकट।

सच दबाया जाता, न्याय अधूरा रहता, कब तक चलेगा ये खेल, कब मन मरेगा थक कर।

एकता की पुकार, मानवता की चाह, सभी को मिले न्याय, ये है हमारा आकाश।

स्वतंत्रता का सच, हर दिल में जगे, तभी होगा भारत महान, ये हमारा संदेश।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy