साहसी
साहसी
अकेली माँ, समाज की नजरों में,
जिम्मेदारिओं का भार, दिल की तकलीफें।
समाज की आँखों में वो अलग है,
एक महिला, जो अपने बच्चों के साथ है।
स्नेह की राह पर अकेली खड़ी,
संघर्ष से भरा, पर सपनों से भरी।
समाज की नजरों में, वो है विरोधी,
पर अपने सपनों को देखते हैं, वो विजेता।
अकेली माँ, जिसने संभाला परिवार,
उसकी महिमा है, अनमोल गाथा यह प्यार।
समाज में उन्हें अदालत कहा जाता है,
पर उनका बलिदान, अनमोल अमृत कहा जाता है।
अकेली माँ, समर्थ, साहसी और मजबूत,
उनका बलिदान, है समाज की ऊर्जा की जड़।
