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Aditya Srivastav

Abstract Fantasy

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Aditya Srivastav

Abstract Fantasy

इश्क़ पार्ट 3

इश्क़ पार्ट 3

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मैं छाँव लिखूँ.... अपना दुपट्टा काला समझना!!

मैं सादगी लिखूँ....तुम गले का धागा समझना!!

मैं तुम्हारा नाम लिखूँ... तुम ख़ूबसूरती का पैमाना समझना

और जो लिखूँ मैं आदित्य ...

तुम अपना पागल दीवाना समझना!!

तुम्हें चाहना ही तुम मेरा ईमान समझना!!

जो मैं इश्क़ लिखूँ ....तुम अपना नाम समझना!!



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