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Dinesh Dubey

Comedy

4  

Dinesh Dubey

Comedy

इश्कजादे

इश्कजादे

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हर गली हर मुहल्ले में,

मिल जाते हैं इश्कजादे,

आंख में चश्मा,गले में रूमाल,

करते रहते दिन भर धमाल।


इश्क का मतलब भी ना जाने,

बनते फिरे है ये इश्क के दीवाने,

आंखो में लिए वासना की लाली,

करते हैं अपनी दिन रात काली।


ना परवाह इज्जत को इनको,

ना परवाह है घर बार की,

जब तक पटती नही कोई,

घूमते रहते है ये इश्कजादे।


खाते हैं ये दिन भर गाली,

चप्पलों की बरसात भी झेले,

लोगो की मार भी सहते,

बड़े अजीब है ये इश्कजादे।


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