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Ajay Gupta

Comedy

4  

Ajay Gupta

Comedy

समोसे

समोसे

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मुझे पसंद आलू भरे समोसे 

चटनी लाल हरे या साथ मिले छोले

जब भी दो परिवार साथ बैठते 

समोसे चाय के दौर हैं चलते 

बातों के बीच मुलाकातों के बीच 

तो कभी पुराने स्कूल के यारों के बीच 

समोसा को पाने मे होती खींचम खींच 

क्लास लेक्चर करके बंक 

कैन्टीन मे दूर से चिल्लाना 

दो समोसे और चाय ले आना 

कभी टीचर का भी पीछे आना 

कभी आंख बचाना तो बस नजर घुमाना 

वह दिन कभी ना भुल पाया 

जब लड्डू टीचर को सामने बेंच पर पाया 

थर्मो का लेक्चर छोड़ा था 

साथ के के को भी जोड़ा था 

समोसा गरम गरम जो आया 

सारा थर्मल एनर्जी भर वो आया 

खाए समोसे कैसे हम ही है जाने 

बोला धीरे से एनर्जी ले वापस क्लास है आने 

जब गए तो जान मे जान आयी 

जल्दी से काउन्टर पर देने पहुंचे पैसे 

जाओ क्लास में है तुम्हारी भलाई 

समोसे चाय के तो दे गए सर पैसे 

फिर ना कभी हम बंक कर पाए 

थर्मल समोसे जीवन भर याद आए 

अब भी जब बैठक चले कुछ लंबी 

चाय समोसा ही आता अविलंबी

इसका अपना बहुत है जादू 

खाए मालिक खाए बाबू

किसी के प्लेट में जो यह आता 

सब ना नुकर कर चट कर जाता 

किसी को अपने बड़े पेट की याद दिलाता 

किसी का यह ट्राई गिलस्रीन ही बन जाता 

माना इस से हो सकते है बहुत से रोग 

पर थोड़े खाने से मन तो होता है निरोग 

तुमसे क्या क्या जुड़ा समोसे 

किसी का प्यार किसी की तकरार समोसे 

कुछ अतीत कुछ भविष्य समोसे 

मुझे पसंद तुम आलू भरे समोसे। 



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