इश्क
इश्क
मुस्कुराने के लिये वजह जरुरी तो नहीं।
तेरा होने की जद्दोजहद अधूरी तो नहीं।।
क्या फर्क पड़ता है जो बिखर गये चाहत में
तुझे पाने को पास होना जरुरी तो नहीं।।
इश्क वो जज्बा है जो रूह से होता है।
सोते हुए जागे, जागते हुए सोता है।।
आँख बंद करके दिन रात साथ रहते हैं।
हर पल हमें महबूब का दीदार होता है।।