STORYMIRROR

VEENU AHUJA

Romance Tragedy

4  

VEENU AHUJA

Romance Tragedy

इश्क़

इश्क़

1 min
203

वो मुस्कराते, चली गयी,

लाखों प्रश्नों के अनबुझे उत्तर,

हम खोजते रहे,


जीवन न सही,

मौत उसकी मन चाही थी,

शाम और सहर वज़ह

खंगालते हम रह गए,


ख़ास लगाव तो

उससे न था,

अपने आंसुओं की तलब

तलाशते हम रह गए,


दिन-रात उसके न थे,

अब हर पल, याद की

तह पर तैरते हम रह गए,


कितना भी हँस ले हम,

उसके बिना रंजोगम को,

अकेले सहलाते रह गए हम,


चोट से कभी डरे नहीं हम,

उसके बिना, महफिल में

शामिल होने से गुरेज करने लगे हम,


कभी प्यार न था उससे,

उसके जाने के बाद,

इश्क का मतलब समझने लगे हम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance