इश्क ओर जिंदगी
इश्क ओर जिंदगी
दिल ऐसी चीज है यारों,
जो बाजार में मिलता नहीं,
जब किसी का दिल टूट जाये तो,
वह इंसान कहीं का रहता नहीं।
इश्क कब किसी से हो जाये,
उसका अंदाजा रहता नहीं,
ये एक ऐसा घर है मेरे यारों,
जिसका कोई दरवाजा होता नहीं।
इश्क ऐसा रोग है मेरे यारों,
जिसका कोई इलाज होता नहीं,
इश्क में नाकामयाब होने वाला,
जीवन में चैन से जी सकता नहीं।
कोई ऐसा इंसान नहीं है मेरे यारों,
जो हुस्न का दीवाना हुआ नहीं,
हुस्न में जो डुब जाता है "मुरली"
वो बाहर आने का नाम लेता नहीं।