इश्क़ की कहानी
इश्क़ की कहानी
हम दिल की कलम से
तेरे मेरे इश्क़ की कहानी,
वो पहली मुलाकात की बातें,
जब मिले थे दिल और आंखें।
वो पहली मरतबा जब थामा था हाथ तेरा,
अंगूठी पहना कर मिला था साथ तेरा।
और वो पूरनमासी की रात का अफसाना,
जब साथ फेरे लेकर लिखा था इश्क़ का तराना।
ख्वाब, ख्वाहिशें पूरी हो चुकी थी,
जो मांगी थी खुदा से दुआ वो मेरी हो चुकी थी।
हर पलक पे मेरी तेरे ख्वाब है,
तु है तो हर पल मेरा लाजवाब है,
मेरे अंधेरे को दूर करने वाली रोशनी है तू,
मेरी जिंदगी, मेरी संजीवनी है तू।
हर अल्फ़ाज़ मेरे लबों का तेरे लिए है,
लिखते रहेंगे यूँ ही हमेशा
दिल की कलम से
तेरे मेरे इश्क़ की कहानी।।