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pratibha dwivedi

Romance

3  

pratibha dwivedi

Romance

इश्क अभी बाकी है

इश्क अभी बाकी है

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इश्क अभी बाकी है ,तेरे मेरे दरम्याँ

ना रूठो मेरी जान, मत बढ़ाओ दूरियाँ

दिल मिलना मुकद्दर की बात है जानम..

मिल गये हैं तो आ जाओ ,मिटाओ दूरियाँ

खफा होकर जाओगे कहाँ ,ये तो बता दो

इस दिल को दर्द देकर ,कहाँ चैन पाओगे!

तड़पा के खुद भी तड़पोगे ,जानते हैं हम

मेरे बिना तुम भी सनम ,रह ना पाओगे


है इश्क अभी बाकी, दोनों के दरम्याँ

जिद छोड़ो जानेमन, निभा लो यारियाँ

जाना होता अगर तुमको ,तो करीब मेरे यूँ ना आते

आ गये हो जो करीब, तो सुनो मेरी हिचकियाँ


अब छुपकर ना मुस्कुराओ ,आओ करीब आओ

तुम मान गए मुझसे ,खुलकर जरा जताओ!

है इश्क अभी बाकी तेरे मेरे दरम्याँ

जवाँ होने दो हसरतें , बाहों में समा जाओ


हाँ मान गये तुमसे , एलान करते हैं

अब हमको ना सताना देखो हम कहते हैं!

अबके जो हम रूठे तो ना मान पायेंगे.

चले जायेंगे बहुत दूर, देखो हम कहते हैं!


चलो वादा किया तुमसे , अब ना सताएँगे

तुम भी करो वादा , अब ना दूर जायेंगे

है इश्क अभी बाकी , चलो मुकम्मल करते हैं....

मिलकर चलो प्यार की दुनियाँ बसाएँगे

मिलकर चलो प्यार की दुनियाँ बसाएँगे



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