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Kawaljeet Gill

Romance

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Kawaljeet Gill

Romance

इस शहर से

इस शहर से

1 min
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दिल में हमारे वो इस कदर समाये हुए हैं ,

रहते हैं इक शहर में हम फिर भी दूर दूर ही हैं,

कभी सोचते है इस शहर को ही छोड़ दे हम

बहुत ज़ख्म मिले हैं इस शहर से मोहब्बत के नाम पर,

धोखे ही धोखे हैं इस माया नागरी में।

कोई किसी का नहीं यहाँ बस

माया के पीछे दीवानी दुनिया,

न ही किसी को रिश्तों की क़द्र यहाँ,

न ही प्यार बचा है दिलो में यहाँ,

 नफरत भरे इस शहर में अब दिल लगता नहीं,

पर तेरा प्यार हमको यहाँ से दूर होने नहीं देता।

क्यों एक उम्मीद सी आज भी है

की लौट आओगे तुम हमको ढूंढते हुए,

हम न मिले जो तुमको यहाँ तो उदास हो जाओगे तुम

और हमको दुनिया की भीड़ में ना ढूंढ पाओगे तुम

यह उम्मीद हमारी हमको तुमसे दूर होने नहीं देती

इस शहर से हमको दूर होने नहीं देती ।


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