इस जहाँ से दूर हो जाए हम
इस जहाँ से दूर हो जाए हम
अगर हो तेरी इजाज़त तो,
मैं थामूँ तेरे हाथों को,
लूँ तुझे मैं अपनी बाँहों में,
और यूँ खुशियों के संगीत संग,
कि भूल सब,
इस जहाँ से दूर हो जाए हम....
अगर हो तेरी इजाज़त तो.....
गालों पर आती ज़ुल्फों को तेरी,
सँवारूँ मैं अपने हाथों से,
और पैमाने सी निगाहों में खो,
छू लूँ में लब तेरे कुछ यूँ,
कि भूल सब,
इस जहाँ से दूर हो जाए हम....
अगर हो तेरी इजाज़त तो,
ले चलूँ मैं तुझे फिर दूर कहीं,
जहाँ होते बेतरतीब बंधन नही,
बस तू हो साथ मेरे और मैं तेरे,
ना एक-दूजे के सिवा कुछ दिखे,
और यूँ ही भूल सब,
इस जहाँ से दूर हो जाए हम....।।