इस बार दीपावली
इस बार दीपावली
धनतेरस,नर-हर, दीप पर्व,गोवर्धन से
घर-में खुशहाली लायें।
भाई दूज में कर रंगोली टीका,
जीवन में भाई के सुख शान्ति
समृद्धि बढा़यें।।
चलो !इस बार दीवाली
में कुछ यूं नया कर लें।
खरीद उनसें मिट्टी के दीये
घर उनका भी रोशन कर दें।।
चलाते हैं जो आज भी चाक।
भरण निर्भर है मिट्टी के साथ।
बना कर कुछ मिट्टी के दीये।
सूनी आंखों में इक स्वप्न लिए।।
चल पड़ते हैं उम्मीद के साथ।
दीये मिट्टी के हाथों में आज।।
कल अपना भी उत्सव होगा।
जीवन अपना भी रोशन होगा।।
घर -घर में मिट्टी के दीये जलायें।
छोटे कामगारों का रोजगार बढ़ायें।।
छोड़ विदेशी दामिनि स्वदेशी अपनायें।
कुम्हारों के भी फिर चाक चलवायें।।
नन्हें हाथों से निर्मित दीप उजास लायें।
उनकी दीवाली भी अब यादगार बनायें।
इसी बहाने इकोफ्रेंडली दीवाली मनायें
कीट मुक्त कर वातावरण शुद्ध बनायें।।