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Rishabh Tomar

Romance

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Rishabh Tomar

Romance

इंतज़ार

इंतज़ार

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पानी व मीन जैसा है अपना नेह प्रियवर,

तेरी कल्पनाओं का है ह्रदय में गेह प्रियवर,

तेरे इंतज़ार में जान बतलाऊँ तुमको कैसे,

निष्प्राण हो गई है तुम बिन ये देह प्रियवर।


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