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प्रवास प्रभाव जीवन छोड़ गेह निज बदले जब क्षेत्र निवास बदलेगा ठांव मीन आप्रवासी परियों कोमल आवाज बन जाती है मोती नेह मन विवेकशीलता संग नियोजन मानवता हृदय अवधारणा उत्प्रवासी आशा

Hindi गेह Poems