भ्रष्टाचार मुक्त हो समाज की अवधारणा, दूसरों के लिए हो आदर्श सद्भावना। भ्रष्टाचार मुक्त हो समाज की अवधारणा, दूसरों के लिए हो आदर्श सद्भावना।
मैं लिखूं या तुम लिखो बस धारणा का फर्क है। मैं लिखूं या तुम लिखो बस धारणा का फर्क है।
पूर्व ने अपने हाथों में लाल गुलाल छिपा रखा था। पूर्व ने अपने हाथों में लाल गुलाल छिपा रखा था।
आंखें नम दिल में प्यार परिवार बसने उजड़ने कि विश्वास आशा।। आंखें नम दिल में प्यार परिवार बसने उजड़ने कि विश्वास आशा।।
अरमानों का नीला एम्बर अरमानों की नीलामी जलती होली किस रंग खेलूं होली।। अरमानों का नीला एम्बर अरमानों की नीलामी जलती होली किस रंग खेलूं होली।।
जरूरतें होवें सबकी ही पूरी सब समस्याएं हो जाएं हल। जरूरतें होवें सबकी ही पूरी सब समस्याएं हो जाएं हल।