इंसान बने
इंसान बने
कोई अमिर बन गया
और कई बने फकीर
कई दीन और कुछ बने धनी
कोई यहाँ महान बन गया
कोई लोग हीन बने
और कुछ बन गये शैतान
पर इंसानियत कहाँ गया
चलो बहुत हुआ अब बने सिर्फ इंसान ,
कोई विज्ञापन बना कुछ यहाँ विज्ञानी बने
कोई खिलाड़ी बना
और कोई खुद खेल बन गये
कोई दार्शनिक लेखक कवि बने
और कोई चित्रकार बना
कई निर्दोष दोषी बने
और कई निर्देशक बन गये
कई मजबूर और कई मजदूर बने
पर इंसानियत नहीं मिला
सब चलो अब बने यहाँ इंसान,
कोई नेता बन गया
और कई बने कलाकार अभिनेता
कोई बना अधिकारी यहाँ
और कई चपरासी बन गये
कोई बना राजा और कई प्रजा बने
कोई सपना बन गया
कई अपने पराए बन गये
और कोई पराया बन गया अपना
पर इंसानियत गूम हो गया
अरे चलो ना हम केवल बने इंसान,
कोई शिक्षित बन गया
और कई मूर्ख गंवार अशिक्षित बने
कोई पुरुष ओर कोई बने नारी
कई चोर बने यहाँ
और कुछ पुलिस बने
कोई बलात्कारी बन गया
कुछ हिंस्र बने और बने राक्षस
हद तो तब हो गयी जब
कुछ यहाँ झूठे ईश्वर और भगवान बन गये
फिर भी इंसानियत गायब
अब और नहीं चलो सब बने इंसान ..॥