है वक्त मुझे जीने दे
है वक्त मुझे जीने दे
जब रोना चाहूं तो आंसू रोक देते हो
मुस्कुराना तो शायद हमें अब याद नहीं
घुटन इतनी अन्दर ही अन्दर
कशमकश में जिन्दगी बेचैन लगती है
चलना भी नहीं रुकना भी नहीं
तू बता सामने आकर मेरे
जिन्दगी जीते कैसे बता दे जरा
है वक्त मुझे थोड़ा तो जीने दे,
न रात न सुबह सब खामोश है
मैं खुद खुश कैसे हो जाऊँ
मुझमें सिर्फ में तो नहीं
मेरा घर मेरा परिवार भी है
दुनियादारी मुझे आता नहीं
जिन्दगी बस ईश्वर की आशीर्वाद से
सफर में मेरे तू साथ दे वक्त
या तो हमें गुजर जाने दे
व्यर्थ है प्राण मेरे
मूल्य मेरी तू ही बता दे
है वक्त मुझे थोड़ा सा जीने दे ॥