STORYMIRROR

Praveen Gola

Romance

4  

Praveen Gola

Romance

इन रातों में

इन रातों में

1 min
560

तेरे नाम का सजदा

मैं कर लूँ इन आँखों में

तेरी रूह से पर्दा

मैं कर लूँ इन रातों में।


ये जिस्म पिघले ऐसे ....

जैसे बर्फ पिघले गगन में

तेरे छूने से किनारा

मैं कर लूँ इन रातों में।


ये आग गर भड़क गई

तो शोला बन के उठेगी

इस आग को दबा के 

मैं जल लूँ इन रातों में।


सुना है एक बेताबी  

आजकल उधर बढ़ी है 

अपनी बेताबी तुझे सुनाकर 

मैं हंस लूँ इन रातों में।


जो टूट गया ये पहरा 

तो फिर ना कुछ रुकेगा 

खुद को थोड़ा तपा के  

मैं मचल लूँ इन रातों में।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance