हूं कृतज्ञ उनकी
हूं कृतज्ञ उनकी
हूं कृतज्ञ उनकी जिन्होंने मुझे जन्म दिया
अंधेरों से डरती थी,
उन्होंने संग दिया।
हूं कृतज्ञ उनकी जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया
समझती न थी अक्षर कोई भी,
उन्होंने शिक्षा जैसा वरदान दिया।
हूं कृतज्ञ उनकी जिन्होंने मुझे सबक दिया
मान लेती थी सबको अपना,
उन्होंने मुझसे पराया किया।
हूं कृतज्ञ उनकी जिन्होंने मुझे दर्द दिया
कैसी होती है खुशी,
इस एहसास को कम किया।
हूं कृतज्ञ उनकी जिन्होंने मुझे छोड़ दिया
कैसा होता है अकेलापन,
इस नाते से जोड़ दिया।
हूं कृतज्ञ उनकी जो मूर्ति में दिखते है
वो है या नहीं ,
इस तथ्य पर आज हम सब लिखते हैं ।