खुशियों के रंग , राखी के संग##lide#love#life
खुशियों के रंग , राखी के संग##lide#love#life
ख्वाबों संग खुशियां आती हैं ,
सावन संग ग़ज़ले गाती हैं ।
लड़ते हैं , झगड़ते हैं राखी संग परिवार महकते हैं ,
खुशियों की जहां चारों ओर लहर आती है ,
तब राखी और खूबसूरत बन जाती है ।
जरूरी नहीं बांधने के लिए धागा हो ,
कलाई सजाने के लिए मन में भाव वो प्यारा हो ।
दर्द में हो बहन हमदर्द भाई बन जाता है ,
हर विपत्ति में काम वो हर बार आता है ।
मोहब्बत भाई बहन का उपहार निराला है ,
रक्षा बंधन नाम पा कर ये त्यौहार खुद किस्मत वाला है।
अर्थ पूछो राखी का उन बहनों से जिनके पास भाई नहीं ,
राखी तो है पर पहनाने के लिए कलाई नहीं ।
यूं ही नहीं भरते रंग इस सावन में ,
कलियां पहनाती है राखी मौसम मनभावन में ।
बारिश बूंदों के साथ बरसती है ,
समुद्र जैसा भाई पाने के लिए वो खुद तरसती है ।
पहनाते है बहनों को संस्कार का गहना सभी ,
सजाओगे हाथों में किताब देकर बदलेगा भारत तभी ।